रंभावली में मनाया बड़े ही ठाट बाट से भगवान श्री पार्श्वनाथ जी का जन्म कल्याणक (पौष दशमी मेला) महोत्सव*---

आयोजन
चीताखेड़ा
26 Dec 2024 09:29 AM
भगत माँगरिया

चीताखेड़ा -25 दिसंबर। मध्यप्रदेश की सीमा से लगा रंभावली गांव में कलिकाल कल्पतरु प्रकट प्रभावी श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ भगवान का अतिप्राचीन तीर्थ धाम की पावन धरा पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय अभयदेव सूरीश्वर जी म.सा.(डहेडावाला) की आज्ञानुवर्तिनी मेवाड़ मालव ज्योति पर.पू.साध्वी श्री चन्द्रकला श्रीजी म.सा.की आज्ञानुवर्तिनी परम पूज्य साध्वी श्री भद्रपूर्णा श्री जी म. सा. की शिष्या साध्वी श्री चरणकला श्री जी म.सा. साध्वी श्री शांतरसा श्री जी म.सा. की शुभ निश्रा में बुधवार को भगवान का जन्म कल्याणक (पौष दशमी मेला ) महोत्सव पर भव्य मेले का आयोजन रंभावली श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ एवं रंभावली पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मेला समिति के तत्वावधान में कई कार्यक्रमों के साथ बड़े ही मार्मिक ढंग से मनाया गया।

        भगवान पार्श्वनाथ जी के जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर सबसे पहले पक्षाल पूजा, केसर पूजा भामाशाह लाभार्थी परिवार ने लाभ उठाया। पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक के अवसर पर विराजमान परम् पूज्य साध्वी म.सा. के मुखारविंद से प्रवचन हुए ।

बैण्ड बाजों और ढोल ढमाकों के साथ भव्य वरघोडा सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ भगवान प्रभु जिनालय से प्रारंभ हुआ । भव्य वरघोडे में जय पार्श्वनाथ के जयकारों से वरघोडा गूंज उठा। कड़कड़ाती ठंड में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर सैकड़ों जैन अनुयाई स्वर्ण रथ पर भगवान पार्श्वनाथ जी के दिव्य दर्शन करने पहुंचे। जैसे-जैसे रथ आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे पूरा रंभावली गांव का मार्ग पार्श्वनाथ के जयकारों से गूंजता रहा। जगह -जगह द्वार -द्वार पुष्प एवं अक्षत वर्षा की गई। वरघोडा मार्ग पूरी तरह से जैन अनुयायियों से भरा नजर आ रहा था। सैकड़ों जैन अनुयाईयों ने भगवान श्री पार्श्वनाथ जी के दिव्य दर्शन किए। पौष दशमी पर आयोजित एक दिवसीय भव्य जन्म कल्याणक महोत्सव एवं मेले में आने वाले सभी भक्तों ने सामुहिक स्वामी वात्सल्य किया गया। इस मौके पर भगवान श्री पार्श्वनाथ जी के जिनालय को विद्युत रोशनी से जगमगाया गया है। हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।

पौष दशमी मेले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अनुयायियों भगवान के दिव्य दर्शन एवं मेले का आनंद लिया।