logo
add image

इन दिनों पूरा अंचल शक्ति की भक्ति में डूबा हुआ है, कोई गरबा नृत्य तो कोई निराहार तो कोई चप्पल- जुते छोड़कर मां को रिझाने में मशगूल हैं ,**

चीताखेडा-9 अक्टूंबर।धर्म और आस्था का कोई अंत नहीं हैं, मां शक्ति है, समृद्धि है, स्थितरता है, असंख्य गुणों का केंद्र हैं।यह ममता और उर्जा की आराधना का पर्व हैं, शारदीय नवरात्र के 9 दिन आराधना आस्था और भक्ति के साथ ही साधना के दिन हैं।

मां के भक्त इन दिनों मां की भक्ति में लिन हैं, और इसी के साथ कोई निराहार तो कोई वास,उपवास तो कोई नंगे पैरों रहकर तो कोई गरबा नृत्य कर मां को रिझाने के प्रयास में लगे हुए हैं।

            शारदेय नवरात्र का धार्मिक,आध्यात्मिक,लौकिक और शारिरिक दृष्टि से बडा महत्व हैं। शारदीय नवरात्र पर्व के अवसर पर आराधिकाएं सज-धजकर विद्युत रोशनी में नहाया हुआ

रंग-बिरंगे फूलों से सजा गरबा पंडाल में गरबा नृत्य कर मां शारदे को प्रसन्न करने में मशगूल हैं

वहीं नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मंगलवार को आराधकों एवं आराधिकाओं ने एक से बढ़कर एक मां जगदम्बा के गीतों पर जमकर हेरत अंगेज गरबा नृत्य की प्रस्तुति दी। गरबा महोत्सव में श्रद्धालुओं की भीड़ गरबा पंडाल में देखने के लिए उमड़ रही है।

Top