पं. जीवन कृष्ण शास्त्री ---
भगत मागरिया
चीताखेड़ा -25 अप्रैल। एक योजन 4 कोस का होता है, और 4 योजन में 12 किलोमीटर बनते हैं। घर के बाथरूम में स्नान करते समय हर-हर गंगे का स्मरण करने मात्र से गंगा स्नान करने का फल मिल जाता है।
उक्त अमृतवाणी पण्डित जीवन कृष्ण शास्त्री ने कथा के चौथे दिन शुक्रवार को अपने मुखारविंद से रामनगर -कराडिया महाराज की झील में स्थित 11 वीं शताब्दी का अतिप्राचीन भगवान भूतेश्वर महादेव मंदिर पर मंदिर समिति के तत्वावधान में आयोजित साप्ताहिक श्री शिव महापुराण कथा के आयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवाहित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बार-बार नहीं मिलता है, मनुष्य जीवन मिला है तो जीवन में जीते जी एक बार समय रहते गंगा जी जाकर गंगा स्नान जरुर करलें। अगर फिर भी गंगा जी जाने का समय नहीं मिलता है तो घर में ही बने बाथरूम में स्नान करते समय हर-हर गंगे बोलने मात्र से ही एक हजार दो सौ किलोमीटर दूरी तक गंगा स्नान करने का फल प्राप्त हो जाता है। कथा पंडाल में भगवान श्री शिव जी (लक्ष्मण सिंह राणावत), माता पार्वती जी (अनिष पूरी) ने स्वांग धरा और व्यासपीठ पर पहुंचे जहां श्रद्धालुओं ने पूजन कर धर्म लाभ लिया। वर्तमान में आसमान में बरसती गर्म लू के थपेड़ों की भी परवाह किए बगैर बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री शिव महापुराण साप्ताहिक कथा में पण्डित जीवन कृष्ण शास्त्री के मुखारविंद से बह रही धर्म ज्ञान गंगा में डुबकियां लगाने कोई पैदल यात्रा तो कोई टू-व्हीलर तो कोई फोर व्हीलर वाहनों से श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं। कथा पंडाल में प्रतिदिन अलग-अलग कथा प्रसंग पर कोई शिव तो कोई पार्वती जी तो कोई नंदी महाराज का स्वांग धरे गांव के युवा कथा आयोजन में शोभा बढ़ाकर चार-चांद लगा रहे हैं। कराड़िया महाराज से मात्र दो किलोमीटर और चीताखेड़ा से 4 किलोमीटर दूरी पर नीमच मार्ग पर स्थित 11 वीं शताब्दी का अतिप्राचीन भगवान भूतेश्वर महादेव मंदिर पर मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण ज्ञान गंगा प्रवचन में प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक प्रवाहित की जा रही है। श्री शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन आस-पास व दूरदराज ग्रामीण इलाकों से गर्म लू के थपेड़ों की परवाह किए बगैर श्री शिव महापुराण कथा में ज्ञान गंगा में डुबकियां लगाने पहुंच रहे हैं।