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**चीताखेडा में 64 कलाओं में महारथ हासिल लंकापति लंकेश के 31 फिट ऊंचे पुतले का कल होगा दहन**

चीताखेडा-11 अक्टूबर । आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व केवल शास्त्रों बल्कि 64 कलाओं में महारथ हासिल शास्त्रों के ज्ञाता रावण के 31 फिट ऊंचे पुतले का दहन कल दिवस 12 अक्टूबर 2024 शनिवार को किया जाएगा।शक्ति की आराधना के नौ तप के दिन पूरे होते ही विजयादशमी पर्व, विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

रामायण की कथा से परिभाषित होने वाला यह पर्व मानवता की विजय यात्रा का पर्व है। दशहरा पर्व भारतीय संस्कृति में सबसे ज्यादा बेसब्री के साथ इंतजार किए जाने वाला त्यौहार हैं।

   रावण को न केवल शास्त्रों बल्कि 64 कलाओं में महारत हासिल थी। भगवान श्री राम ने मनुष्य लीला करते हुए जिस सत्य का आचरण किया और उससे उपार्जित शक्ति से रावण का वध किया, दशहरा उसका प्रमाण है। जिनका कल दिवस 12 अक्टूबर 2024 शनिवार की शाम 7:30बजे दशहरे मैदान में ग्राम पंचायत के तत्वावधान में 31 फिट ऊंचे पुतले का पटाखों की भव्य आतिशबाजी के साथ हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में दहन किया जाएगा।

दशहरे के दिन इस त्यौहार को मनाने से रावण के अंदर अंहकार के मार्ग बुराई के मार्ग पर चलने से ज्ञानी होने के बावजूद भी अंत तह भगवान श्रीराम के हाथों मरना पड़ा। इसी कारण वश बुराई पर अच्छाई का संदेश देता है। दशहरे पर्व के अवसर पर चारभुजा नाथ मंदिर से विशेष विमान में भगवान श्रीराम का मुखोटा विराजमान कर ढोल ढमाकों के साथ सैकड़ों श्रद्धालु जय श्री राम के जयघोष के साथ प्रमुख मार्गों से परिभ्रमण करते हुए भव्य शोभायात्रा के रूप में दशहरे मैदान पहुंचेंगे।दशानन लंका पति लंकेश के पुतले के दहन से पूर्व पटाखों की रंग-बिरंगी आतिशबाजी की जाएगी ,जिनका हजारों दर्शक इसके साक्षी बनेंगे।

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