चीताखेडा-12 अक्टूबर। विजयादशमी सिर्फ इस बात का प्रतीक नहीं है कि अन्याय पर न्याय अथवा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी बल्कि यह बुराई में भी अच्छाई ढूंढने का दिन होता है। दशहरा पर्व भारतीय संस्कृति में सबसे ज्यादा बेसब्री के साथ इंतजार किए जाने वाला त्यौहार है।
रावण को न केवल शास्त्रों बल्कि 64 कलाओं में महारत हासिल थी। जिनके शनिवार की शाम 7 बजे बाद दशहरे मैदान में ग्राम पंचायत के तत्वावधान में 31 फिट ऊंचे पुतले का पटाखों की जोरदार आतिशबाजी के साथ हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में हुआ दहन। दशहरे के दिन इस त्यौहार को मनाने से रावण के अंदर अंहकार के मार्ग बुराई के मार्ग पर चलने से ज्ञानी होने के बावजूद भी अंत तह भगवान श्रीराम के हाथों मरना पड़ा। इसी कारण वश बुराई पर अच्छाई का संदेश देता है।
दशहरे पर्व के अवसर पर चारभुजा नाथ मंदिर से विशेष विमान में भगवान श्रीराम का मुखोटा विराजमान करके घंटी घड़ियाल,शंख की ध्वनि के साथ ढोल ढमाकों एवं डीजे पर श्रीराम के धार्मिक गीतों की धुनों पर सैकड़ों श्रद्धालु जय श्री राम के जयघोष के साथ प्रमुख मार्गों से परिभ्रमण करते हुए भव्य शोभायात्रा के रूप में दशहरे मैदान पहुंचे।दशानन लंका पति लंकेश के पुतले के दहन से पूर्व पटाखों की जमीनी एवं आसमानी फटाखों की रंग-बिरंगी आतिशबाजी की गई, जिनका हजारों दर्शकों ने खूब निहारा। शास्त्रों एवं 64कलाओं में महारथ हासिल लंका पति रावण के 31 फिट ऊंचे पुतले का दहन किया गया। दशहरे मैदान पर पुलिस प्रशासन की ओर से जीरन थाना प्रभारी मनोज सिंह जादौन के मार्गदर्शन में पुलिस सहायता केंद्र चौकी प्रभारी विरेन्द्र सिंह बिसेन अपनी पुलिस टीम के साथ पूरी तरह मुस्तैद रहे। इस अवसर पर ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती मंजू जैन, सरपंच प्रतिनिधि मनसुख जैन, सचिव नवीन पाटीदार, सहायक सचिव विमलेश शर्मा, उप-सरपंच विकास प्रजापत सहित पंचायत के पंचों की सराहनीय कार्य किया गया। पूरे दशहरे मैदान पर पहली बार रंग-बिरंगे विद्युत बल्बों, एलेडी, हेलोजन लाईटों से जगमगाया गया।
वहीं बड़े लंबे चौड़े गहरे गड्ढे में पानी भरा हुआ है जिसमें फ़व्वारे लगाएं गए जो दर्शकों का आकर्षण का केंद्र रहा।मनाएं गये दशहरा पर्व पर की गई व्यवस्था की हजारों दर्शकों ने मुक्तकंठ से खुब प्रशंसा की ।