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*लक्ष्मण ने काटे सुपनखा के नाक-कान, लहुलुहान होकर पहुंची रावण के पास, रावण ने किया सीताजी का हरण*---

चीताखेड़ा -21 अक्टूबर। स्वर्ण लंकाधिपति रावण की बहन सुपनखा शादी सुदा थी सुपनखा की शादी जिभ्यासूर से हुई थी। इसका जन्म नाम वज्रमणी है और उपनाम सुपनखा है, इसके नाक और नाखून सुपडे के समान थे इसलिए नाम सुपनखा पड़ा। सुपनखा का पति जिभ्यासुर किस किसी को भी जिव्हा से चाट लेता उसकी मौत हो जाती है। इसलिए रावण ने स्वयं को मौत के डर से हत्या करवा दी थी। तभी से सुपनखा रावण से अपने पति की हत्या का बदला लेने की ठान चुकी थी।

पंचवटी पर वनवास के दौरान श्री राम और लक्ष्मण से विवाह का प्रस्ताव लेकर गई थी तो झूठ बोली थी कि कुंवारी हूं। जनकनंदिनी माता सीताजी का अपहरण करने की सलाह सुपनखा ने ही रावण को दी थी। सुपनखा ने पति का बदला लेने के लिए पूरी लंका का सर्वनाश करवा दिया। 

      उक्त बात रामलीला मंडल के पण्डित लोकेश कुमार शर्मा पिपलाज ने सोमवार को चीताखेड़ा में बजरंग नाट्य कला रामलीला मंडल के द्वारा आयोजित 10 दिवसीय रामलीला मंचन के दौरान पंचवटी पर श्री राम और लक्ष्मण से सुपनखा (वज्रमणी) ने विवाह करने का प्रस्ताव रखा इसी प्रसंग पर धार्मिक रंगमंच से हजारों श्रद्धालुओं को जानकारी देते हुए कही।

रामलीला मंचन के प्रारंभ में सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री श्री 108 श्री महंत गोपालदास जी महाराज भीलवाड़ा ने रामायण ग्रंथ पर द्वीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर आरती की। धर्म मंच पर आमंत्रित अतिथि का स्वागत रामलीला मंडल के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।

श्री राम - जानकी और लक्ष्मण पिता की आज्ञा से 14 वर्ष के लिए वनवास पर निकले। इस दौरान चित्र कुट के घाट पर प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और जानकी से मिलने राजा जनक, गुरु वशिष्ठ जी, मंत्री सुमंत, भरत,क्षत्रुग्न, माता सुमित्रा, कैकेई और कोशल्या पहुंची, जहां सभी ने श्री राम से पुनः अयोध्या लौटने की खुब विनती करी। वनवास के दौरान पंचवटी पर एक कुटिया बनाकर कुछ दिन रुके इसी दौरान रावण ने श्री राम को सीता जी से दूर करने माध्यम बनाया मामा मारीच से मृग बनने को कहा माता जानकी ने श्री राम से मृग को पकड़ने को कहा इधर रावण ने छल-कपट से साधू का भेष में माता सीताजी का अपहरण कर लिया। इन दिनों गांव में चल रही रामलीला मंचन से पूरे अंचल में धार्मिक माहौल बना हुआ है जिससे अंचल श्री राम मय बना हुआ है।

भगवान श्री राम ( लक्ष्मण सिंह), लक्ष्मण (दीपक पंवार), माता सीता (सविता), लंकापति रावण (राकेश सोनी पेंटर), कोमेडियन ( गणपत गुरु), श्री हनुमान जी (गणपत गुरु),बाली ( लोकेश शर्मा), सुग्रीव (नारायण व्यास) सभी कलाकार बड़े ही बेहतरीन ढंग से पात्रों का मंच पर अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को अपना कायल बना रहे हैं।प्रतिदिन रामलीला मंचन की धर्म गंगा में हजारों श्रद्धालुजन भक्ति की सरिता में गोते लगा रहे हैं। 

*कल रामलीला रंगमंच पर होगा अंगद और रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति का मंचन*---- 

 10 दिवसीय राम जी की लीला मंचन के आयोजन में आठवें दिन कल दिवस 23 अक्टूबर बुधवार को रात्रि 9 बजे से बजरंग मंदिर पर चल रही है जिसमें रामलीला रंगमंच पर रामेश्वरम स्थापना, विभिषण की श्री राम के साथ शरणागति, अंगद और रावण के बीच संवाद, लक्ष्मण शक्ति प्रसंग का नाट्य रुपांतरण का मंचन किया जाएगा। रामलीला मंचन समिति के पदाधिकारियों ने क्षेत्र की समस्त धर्मप्रेमियों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में निर्धारित समय पर पहुंच कर धर्म लाभ लें।

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