चीताखेड़ा -2 नवंबर।धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की आराधना के साथ उत्साह,उमंग तथा हर्षोल्लास का पर्व दीपावली का पांच दिवसीय पर्व मंगलवार धन तेरस से प्रारंभ हुआ। जिसका इन्तजार प्रत्येक सनातनी को पूरे साल रहता हैं। चाहे गरीब हो ,अमीर हो या मध्यम वर्गीय सभी इस दीपोत्सव को लेकर खासी तैयारियां करते हैं।पांच दिन तक चलने वाला आनंद, उत्सव और उल्लास के इस पंच-पर्व मे धन,रुप,वैभव,ग्राम्य जीवन और भाई-बहन के परस्पर स्नेह के उत्सव के साथ मनाया गया। दीपोत्सव इस बार गुरुवार और शुक्रवार को मनाई गई है लेकिन गोवर्धन पूजा का मुहूर्त शनिवार को है। धन त्रयोदशी से प्रारंभ होने वाला यह महापर्व रुप चतुर्दशी,महालक्ष्मी पूजन,गोवर्धन पूजा से होते हुए अपनी संपन्नता को प्राप्त हुआ।भक्तों ने लक्ष्मी पूजन कर सुख-समृद्धि का वास रहने की प्रार्थना करते हुए घर मे तिजोरी ,दुकान के गल्ले आदि मे रखें गए रुपये सोने एवं चादी के सिक्के,शंख ,कमल को माता लक्ष्मी के चरणों मे रखकर लक्ष्मी पूजन किया गया।बच्चों से लेकर युवाओं,बुजुर्गों मे दीपावली पर्व को लेकर खासा उत्साह का माहौल नजर आया।तो घर-घर मे स्वादिष्ट व्यंजनों की महक भी हर और दिखी।
ग्रामीण इलाकों में भी दुकानों को इलेक्ट्रिक और घरेलू सामान, दीपावली पर पशुओं को सजाने के लिए बेडा-फुन्दी,कामट(घंटी)की दुकाने भी सजाई गई,परंतु किसानों,गरीब मजदूरों पर महंगाई की मार साफ तोर पर दिखाई दी। अधिष्ठात्री लक्ष्मी पुजन शुभ मूहर्त में विधिविधान से परिवार के साथ किया गया और अपने वाहनों का भी पुजन कर बडे बुजुर्गों के पैर छुकर आर्शीवाद एवं मित्रों से गले मिलकर एक दुसरे को दीपावली की बधाई दी।बाद में फटाकों की आतिशबाजी की गई।विभिन्न प्रकार के पटाखों से धरती गूंज रही थी वहीं गगन में भी रंग बिरंगे राकेट व अन्य आतिशबाजी लोगों का मन मोह रही थी। शाम होते ही मिट्टी के दीपकों की झिलमिलाती रोशनी सुन्दरता को चार चांद लगा रही थी।दीपोत्सव हमें संदेश देता हैं कि मिट्टी के दीपक की तरह निश्कलंक,निष्कलुप,निर्वेर और निरापद होकर दूसरों को उजास देते रहना चाहिए। महिलाओं ने श्रंगारित होकर दीपों की थाली सजाकर मंदिरों, जलाशयों,खेत - खलिहानों एवं वृक्षों तथा अपने पारिवारिक पित्रों -कुल देवता के यहां दीप प्रज्वलित कर सुख-समृद्धि की कामना की।
वैसे तो मंहगाई की मंदी के बावजूद भी अंधेरे को दूर करने वाले उत्साह में कोई कमी साफतौर पर दिखाई नहीं दी,वह उत्साह मिठाई की दुकानों पर दुकानदारों की रही चांदी ही चांदी।चीताखेड़ा की प्रतिष्ठित जोधपुर मिष्ठान गणेशराम बेनीवाल की दुकान पर खासी भीड़ दिखाई दी। मिठाई के दुकानदारों ने सुबह से ही काउंटर सजा लिए थे । इस बार डिजाइनर मिठाइयों में सेब,आम, अमरूद ,गुलाब के फूल के फूल के स्वाद और आकार की मिठाइयां खासी डिमांड रही । गणेश बेनीवाल का कहना है की लक्ष्मी पूजन के लिए शुद्ध मावे और घी की मिठाइयां ज्यादा पसंद की गई। मिष्ठान व्यापारी ईश्वरलाल मलिक करना है कि विगत 8 वर्षों से प्रत्येक त्योहार पर मिठाइयों की दुकान लगाता हूं हर वर्ष से बेहतर इस बार मिठाइयां लोगों ने पसंद की गई।
*अन्नकूट महोत्सव के साथ हुई गोधन की पूजा*
दीपोत्सव के दुसरे दिन गोवर्धन पूजा की परंपरा वैष्णव जन के बीच द्वापरयुग से चली आ रही है। महालक्ष्मीदेवी पूजन के दूसरे दिन शनिवार को श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर बाल स्वरूप विग्रह को निमित्त अन्नकूट का आयोजन श्रद्धापूर्वक मनाया गया। भगवान को लगाया गया अन्न कूट का भोग। इस दौरान पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं को सजाने के साथ पूजा की गई।इसके साथ ही चारभुजानाथ, बजरंगबली मंदिर पर अन्नकूट महोत्सव भी किया गया।
*आज भाई के ललाट पर बहनों ने लगाएंगी मंगल तिलक*
आज रविवार को भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माने जाने वाले यमद्वितीया भाई-दूज पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा।इस अवसर पर बहनों ने भाई की ललाट पर मंगल तिलक लगाकर आरती करेंगी और भाई बहनों को उपहार के साथ रक्षा का वचन भी देंगे।आज के दिन भाई का बहन के घर भोजन करने से धन,यश,धर्म,अर्थ एवं सुख की प्राप्ति होती हैं।