चीताखेड़ा -10 दिसंबर। प्रदेश सरकार और जिला कलेक्टर के शक्त निर्देश है कि आम रास्ते के विवाद का तत्काल समाधान करे। वहीं सरकार का एक हिस्सा बने उन्हीं के राजनीतिक नुमाइंदे एवं संबंधित अधिकारी, कर्मचारी आदेश की अवहेलना कर रोड़ा बने हुए हैं।अपने ही ठर्रे पर चल रहे हैं। किसान अपने खेत पर जाने के लिए आवेदन पर आवेदन लेकर पटवारी और तहसीलदार के चक्कर लगा रहा हैं। अतिक्रमण कर्ताओं के बचाव में उतरे राजनीतिक नेता। रास्ते के मामले को लेकर पीड़ित किसान संबंधित दस्तावेज लेकर पहुंचा जिला कलेक्टर न्यायालय में, लगाई न्याय की गुहार।
उल्लेखनीय है कि वहीं दूसरी ओर चीताखेड़ा क्षेत्र में इन दिनों अतिक्रमण कर्ताओं का बोलबाला है। शासकीय भूमि पर कब्जा कर अपना आधिपत्य स्थापित करना अपना अधिकार समझने लगे हैं अतिक्रमण कर्ता। ऐसा ही नजारा चीताखेड़ा में देखने को मिला हुआ यह कि चीताखेड़ा -पीठ मार्ग से लगा खेतों पर पहुंचने हेतु रास्ता भू राजस्व विभाग के कागजी रिकॉर्ड में तो 20 फीट चौड़ा मार्ग दर्शाया हुआ है परन्तु मौके पर जमीन के भूखे लालची अतिक्रमण कर्ताओं ने अवैधानिक तरीके से रास्ते को दोनों तरफ से कब्जा कर मात्र 6 फीट चौड़ा ही रख दिया है। इस मार्ग पर 25 से 30 किसानों के खेत लगे हुए हैं जो इसी मार्ग से खेतों की फसलें लाते ले जाते हैं , लेकिन 5 से 6 किसानों ने अतिक्रमण कर रास्ते को संकरा कर दिया है। इसी मार्ग से कृषक कन्हैयालाल सोनी का कहना है कि मेरे परिवार की आजीविका चलाने की एक मात्र यही पांच बीघा जमीन है। इसी खेत पर विगत कई पीढ़ियों से इसी रास्ते से आते जाते रहे हैं, अब कुछ दबंग लोगों ने यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है। विगत दिनों पूर्व उक्त रास्ते को भी पड़ोसियों ने कंटीले तार फेंसिंग कर पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस मामले को लेकर चार महीने में कई बार पटवारी और तहसीलदार को लिखित में आवेदन पेश कर चुका हूं । पर आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।
विगत दिनों पूर्व 6 दिसंबर को जब पटवारी नरेन्द्र योगी और नायब तहसीलदार कमलेश डूडवे रास्ते का समाधान हेतु जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचे तो अतिक्रमण कर्ताओं ने यह कहकर तहसीलदार और पटवारी का घेराव कर चलती जेसीबी मशीन रुकवा दी गई कि हमें बीना सूचना दिए कैसे आ गए और चलती जेसीबी मशीन के सामने आकर खड़े हो गए। मौके पर अतिक्रमण कर्ताओं ने इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया कि तहसीलदार ने अपनी मुहिम को बंद कर दो दिन में आम रास्ते से अतिक्रमण हटाने की कहकर वापस बैरंग लौट गए। ये तो वही हुआ पहले तो चोरी फिर ऊपर से सीना जोरी वाली कहावत चरितार्थ हो गई।
*इनका कहना -*
हमारे शासकीय रिकॉर्ड में यह रास्ता 20 फीट चौड़ा दर्शाया हुआ है लेकिन रास्ते से लगे किसानों ने पत्थरों की कच्ची दीवार बना कर संकरा कर दिया है। दोनों पक्षों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, दोनों पक्षों की सुनकर जल्द ही निराकरण करेंगे।
*नायब तहसीलदार कमलेश डूडवे तहसीलदार जीरन।*-