चीताखेड़ा -18 दिसंबर। अतिक्रमण की शिकायत करने की आदतन आदी बन चुकी शिकायती महिला ने पूर्व में की गई
शिकायत को वापस उठाने के एवज में मांगें पांच लाख रुपए फिर पांच जनों ने डेढ़ लाख रुपए में किया फैसला।
उक्त महिला ने फैसले के अनुसार डेढ़ लाख रुपए भी लिए और फिर फैसले से मूकर कर फिर शिकायत पर आमदा हो गई।
मैं इस जमीन के खातिर जान दे दूंगी पर जमीन नहीं जाने दूंगी।42 सालों से शासकीय रिकॉर्ड में मेरा अतिक्रमण दर्ज है।
उल्लेखनीय है कि चीताखेड़ा -आवरीमाता जी मार्ग से लगी शासकीय भूमि पर विगत 43 सालों से उक्त भूमि पर आज तक गांव की ही चतरी बाई पति हरी सिंह बंजारा 50 आरी जमीन पर आज तक काबिज हैं
और उस पर खेती करती आ रही हैं। भू-राजस्व विभाग के कागजी रिकार्ड में कब्जा बकायदा दर्ज है जिसका समय-समय पर तहसीलदार द्वारा किए जाने वाले दण्डित जुर्माना भी जमा करवाती आ रही है।
उक्त शिकायत महिला की बेशकिमत जमीन पर नियत खराब हो गई और उस पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर कुछ राजनैतिक लोगों के संरक्षण में आए दिन जनसुनवाई शिविर में तो कभी तहसील में तो कभी अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालयों के चक्कर लगाने लगी। और भूमि पर काबिज चतरी बाई को उक्त भूमि से बेदखल करने लगी।
कुछ लोगों ने यह देख दोनों के बीच आपसी समझोता करवाया गया जिसमें आदतन शिकायती महिला नानी बाई मेघवाल ने आपसी समझोते में शिकायत वापस उठाने एवं भविष्य में शिकायत नहीं करने के एवज में पांच रुपए की डिमांड रखी जिस पर पांच जनों ( पंचों) के बीच डेढ़ लाख रुपए में यह फैसला हुआ है कि पूर्व में की गई शिकायत वापस उठाने और कभी इस मामले में कोई भी शिकायत नहीं करने पर आपसी समझोता हुआ और बकायदा आपसी पंचनामा भी लिखा गया।
और किए गए फैसले में तय डेढ़ लाख रुपए भी नगदी श्रीमती नानीबाई को दिए गए।
लेकिन नानी बाई इतनी शातिर दिमाग की निकली की रुपए भी लिए और फिर आदतन अनुसार शिकायत भी दर्ज करवाने लगी।
इनका कहना -
मैं इस जमीन पर 40-42 सालों से खेती करती आ रही हूं। इस भूमि के अलावा मेरे पास कोई जमीन नहीं है।इस भूमि पर खेती कर 5 बच्चों का भरण-पोषण कर मेरा परिवार चला रही हूं।
हजारों रुपए जुर्माने के मैं जमा करवा चुकी हूं। इस गांव में मैं कोई अकेली ही शासकीय भूमि पर कब्जा करने वाली नहीं हूं जो मेरे ही खिलाफ इतनी शिकायते की जा रही है।
खूद नानी बाई मेघवाल ने पूरानी पंचायत के पास स्थित पीडब्ल्यूडी विभाग की प्राचीन सम्पत्ति पर एवं चैनपुरा रोड़ से लगी शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा है।
श्रीमती चतरी बाई बंजारा चीताखेड़ा।
हमने पूर्व में भी इस भूमि पर खड़ी फसल ट्रेक्टर से हांक कर नष्ट कर अतिक्रमण हटाया था। दोनों के बीच समझौते की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
पटवारी नरेन्द्र योगी मोज़ा पटवारी चीताखेड़ा