logo
add image

*अभिमान चाहे पद का हो या सुंदरता का या धन और बल का चाहे जिसका भी हो, जिसने भी किया पतन निश्चित है*--पंडित निरंजन शर्मा

चीताखेड़ा -7 जनवरी। समीपस्थ ठिकाना कराड़िया महाराज के सामाजिक एवं धार्मिक प्रवृत्ति के मुख्य यजमान ठाकुर भगवान सिंह राणावत, मांगू सिंह राणावत, लोकेंद्र सिंह राणावत परिवार द्वारा खाखरदेव मंदिर परिसर पर आयोजित कथा मर्मज्ञ पण्डित निरंजन शर्मा की श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में कथा के दुसरे दिन मंगलवार को अपने मुखारविंद से पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म ज्ञान गंगा का रसास्वादन करवाते प्रवचन हुए कहा कि अभिमान ही मनुष्य के पतन का कारण है। अभिमान भले ही पद का हो चाहे सुंदरता का हो चाहे धन का चाहे बल का हो जिस-जिस ने भी अभिमान किया है उनका पतन ही हुआ है। कंस कौरव और रावण ने अभिमान किया तो हश्र सबके सामने कुल का सर्वनाश ही हुआ है। 

        उक्त वाणी कथा मर्मज्ञ पण्डित निरंजन शर्मा ने मंगलवार को श्रीमद् भागवत ज्ञान सरिता में श्रद्धालुओं को डूब किया लगवाते हुए कहा कि शंख,चक्र,गदा और पद्म चारों भगवान श्री परब्रम्ह परमात्मा के आयुध है। चारों आयुध की व्याख्या करते हुए बताया कि चारों आयुध एक बस है और बस को चलाने वाले परमात्मा की तरह ही है। शंख -बस का हार्न है, और चक्र - बस की स्टेरिंग है किस ओर मोड़ना है, और गदा -बस को कम ज्यादा करने के लिए है,और पद्म -बस का ब्रेक है कहां रोकना और कहां तक लेजाना है। पंडित श्री शर्मा ने मां और बेटे के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि मां अपने बेटे के जन्म के समय प्रसव पीड़ा को देखते हुए अपनी सुन्दरता त्याग देती है और वही संतान बड़ी होकर मां को भुल जाती हैं। ऐसी संतान जीवन में कभी सुख नहीं भोग सकती हैं। चिंता जिंदा मनुष्य को ओर चिता मरे हुए मनुष्य को जला देती है। पिछले जन्म में जिसने भी दान किया उसी व्यक्ति को इस जन्म में धन की प्राप्ति हुई है। 7 जन्मों के बाद पुण्य उदय हुआ हो वही व्यक्ति दान पुण्य कर सकता है। साप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में प्रवचन के दौरान कथा मर्मज्ञ पण्डित निरंजन शर्मा ने धर्म ज्ञान गंगा का सैकड़ों श्रद्धालुओं को रसास्वादन करवाते हुए सुखदेव,राजा परीक्षित, ब्रह्मा, भगवान वाराह का अवतार, हिरनाक्ष,जय और विजय, कपिल, माता सती,राजा दक्ष प्रजापति, विश्वकर्मा,शिव -सती, वीरभद्र आदि का प्रसंग का संक्षिप्त वृतांत सुनाया गया। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में मुख्य रूप से संघ प्रचारक शिवनारायण गेहलोत ने शिरकत की। जहां व्यासपीठ पर पोथी पूजन कर पण्डित निरंजन शर्मा का स्वागत किया। वहीं कथा आयोजन के मुख्य यजमान भगवान सिंह राणावत, मांगू सिंह राणावत, लोकेंद्र सिंह राणावत, भुवानी शंकर गेहलोत ने भी संघ प्रचारक श्री शिवनारायण गेहलोत का स्वागत किया। प्रतिदिन श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव पर प्रवचन प्रातः 11 30 बजे से शाम 4 बजे तक प्रवाहित किए जा रहे हैं। श्रीमद् भागवत कथा समिति ने क्षेत्र के समस्त धर्मप्रेमियों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्म लाभ लें।

Top