चीताखेड़ा -22 फरवरी। 60 सालों बाद एक बार फिर ग्रह योग की विशिष्ट स्थिति में मकर के चंद्रमा की उपस्थिति में तीन ग्रहों की युति बनी है इस दुर्लभ संयोग में 26 फरवरी 2025 बुधवार को शिव और उमा के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि ,सभी शिवालयों में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। शिवालयों में दिन भर भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, भक्त बाबा भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। शिवालयों में इस दिन अल सुबह से रात भर ही बम- बम भोले.......,ओम नमः शिवाय.........., हर हर महादेव.......के जयघोष से गुंजायमान रहेंगे, इसी के साथ अभिषेक,हवन और भंडारे के आयोजन भी होंगे।
अंचल में बुधवार को शिव और उमा के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर सभी शिव भक्त बिल्वपत्र, फुल ,पत्तियां, धतूरा, भांग, श्रीफल, अगरबत्ती सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना करेंगे। पार्वती द्वारा महादेव शिव को पति के रूप में पाने के लिए की गई तपस्या का फल ही महाशिवरात्रि हैं। महादेव सभी गुणों के अधिनायक हैं ,जो भी व्यक्ति उनके पास सहायता के लिए जाता है शिवजी उसे तत्क्षण संतुष्ट करते हैं, उनके भक्तों में राम भी हैं और रावण भी। आदिवासी हो या नगरवासी, राजा- महाराजा, पुरंदर सबके हैं महादेव। अंचल के कराड़िया महाराज और रामनगर के बीच झील में 11-12 वीं शताब्दी का स्थित अति प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर समिति के वरिष्ठ विक्रम सिंह राणावत ने बताया है कि हर साल की तरह इस बार भी हवन पूजन एवं अभिषेक एवं भजन कीर्तन के साथ महादेव के दर्शन हेतु आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए शाम 3 बजे से विशाल भण्डारा किया जाएगा।चीताखेड़ा- दलपतपुरा के बीच सुरम्य वादियों में स्थित झील की गोद में विराजमान रामझर महादेव मंदिर पर भी अभिषेक, हवन, पूजन का आयोजन किया जाएगा।चीताखेड़ा माली मोहल्ले में स्थित शिव मंदिर, इंदिरा कॉलोनी में स्थित सिद्धेश्वर महादेव, ब्राह्मण गली में स्थित नीलकंठ महादेव, बड़ी होली चौक में स्थित सिद्धेश्वर महादेव, पुराना पंचायत भवन के सामने स्थित श्री महाकाल मंदिर , पांवड़ा खूर्द के पास स्थित कछुआ महादेव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में भी दिनभर भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इस मौके पर अंचल के शिवालयों पर आकर्षक विद्युत सजावट की जा रही है।